भारत में मक्का, जिसे कई जगह भुट्टा या कॉर्न भी कहा जाता है, किसानों के लिए एक लाभदायक फसल है। मक्का की खेती सही तरीके से करने पर फसल उत्पादन और उपज दोनों बढ़ती हैं। पहले मक्का की खेती केवल खरीफ सीजन में की जाती थी, लेकिन अब बेहतर हाइब्रिड बीज और आधुनिक खेती तकनीक की मदद से किसान इसे सालभर उगा सकते हैं।
मक्का की खेती की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है।अगर किसान सही समय पर बुआई करें, उपजाऊ मिट्टी चुनें और उचित देखभाल करें, तो कम जमीन में भी अच्छी maize yield प्राप्त की जा सकती है।
मक्का एक खरीफ फसल है, जो गर्म और नमी वाली जलवायु में अच्छी होती है।
खेत में उचित जल निकासी होना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि मक्का के पौधों को जलभराव पसंद नहीं।
मक्का की खेती में खेत की तैयारी सबसे पहला और जरूरी कदम है। खेत की 2-3 बार गहरी जुताई करें ताकि मिट्टी भुरभुरी और पौधों के लिए अनुकूल बन जाए। इसके बाद प्रति एकड़ 8 - 0 टन सड़ी हुई गोबर की खाद या कंपोस्ट डालें, जिससे मिट्टी उपजाऊ बनती है।
पहली सिंचाई बुआई के 20–25 दिन बाद करें। उसके बाद हर 10–12 दिन पर पानी देते रहें।
अगर मौसम गर्म या सूखा हो, तो 7 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।
पहली सिंचाई बुआई के 20-25 दिन बाद करें। उसके बाद 10-12 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।
अधिक गर्मी या सूखा होने पर 7 दिन के अंतराल पर पानी दें।
इन्हें तीन चरणों में विभाजित करें - बुआई के समय, 30 दिन बाद, और 50 दिन बाद।
आज किसान पारंपरिक किस्मों की बजाय हाइब्रिड मक्का बीज का उपयोग कर रहे हैं, जो अधिक उत्पादन, रोग प्रतिरोधक क्षमता और जल्दी पकने वाली फसल प्रदान करते हैं। हाइब्रिड मक्का की खेती से किसानों को पारंपरिक किस्मों की तुलना में 20-30% अधिक पैदावार मिलती है।
SKB Seeds के हाइब्रिड मक्का बीज विशेष रूप से भारतीय परिस्थितियों के अनुसार तैयार किए गए हैं, जिनसे अधिक उत्पादन प्राप्त होता है।
मुख्य रोग: पत्ती झुलसा, तना छेदक, मकड़ी कीट
नियंत्रण उपाय:
मक्का की खेती भारतीय किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यदि आधुनिक तकनीक, उन्नत बीज और संतुलित उर्वरक का उपयोग किया जाए, तो यह फसल न केवल अधिक पैदावार देती है बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी अत्यंत लाभदायक है।
अधिक जानकारी और उन्नत मक्का बीज के लिए देखें: https://www.skbseeds.com/